Wednesday, June 24, 2020

अमेरिका के ह्यूस्टन में गरजे PM मोदी बोले दुनिया में सबसे सस्ता डेटा भारत में मिलता है 1 GB के लिए देने पड़ते हैं मात्र इतने रुपये...

अमेरिका के  ह्यूस्टन में गरजे PM मोदी बोले दुनिया में सबसे सस्ता डेटा भारत में मिलता है 1 GB के लिए देने पड़ते हैं मात्र इतने रुपये...
Howdy Modi Program
Howdy Modi Program
आपको बताते चलें कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के ह्यूस्टन Howdy modi कार्यक्रम में पहुँचे। जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया। वही इस कार्यक्रम का इंतजार अमेरिका के राष्ट्पति डोनाल्ड ट्रम्प बेसब्री से कर रहे थे। उससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 16 ऊर्जा कंपनियों के CEO से मुलाकात किया। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मुलाकात से ऊर्जा कंपनियों को भारत में निवेश करने का अवसर मिलेगा। उसके बाद वो अमेरिका में रह रहे भारत के कश्मीरी पंडितों से मिले। कश्मीरी पंडितों को उन्होंने कहा कि आप लोगों ने बहुत दुःख झेले है। यह सुनकर कश्मीरी पंडितों का सीना चौड़ा हो गया। बात करते हुए कश्मीरी पंडितों ने PM मोदी का हाथ चुम लिया। और कहा कि भारत बदल रहा है। साथ ही PM मोदी सिख समुदाय के भारतीयों से भी मिले जहाँ उन्हें शाऊल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
Howdy Modi Program
Howdy Modi Program
PM मोदी जब ह्यूस्टन के NRG स्टेडियम पहुँचे तो वहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया। 50 हजार लोगों से भरा NRG स्टेडियम मोदी मोदी के नारों से गूँज  उठा। बताया जा रहा है कि यह कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम था। जहाँ दो बड़े देश के नेता एक साथ एक मंच पर शिरकत कर रहे थे। इस कार्यक्रम में PM मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका में आतंकवादी हमला हुआ हो या भारत में हमला करने बाले किस देश में पकड़े जाते हैं। सबको अच्छी तरह से पता है। जिन लोगों से अपना देश नही सम्भलता है वो कश्मीर कश्मीर रट लगा रहे है। 70 सालों तक कश्मीर के लोगों को भारतीय सुविधाओं से बंचित रखा गया। अब कश्मीर के नागरिक भी हर भारतीय की तरह सभी सुविधाओं का लाभ ले पायेंगे। कश्मीर में अब विकास होगा। हमसब मिलकर कश्मीर को फिर से स्वर्ग बनायेंगे। उन्होंने कहा कि भारत को डिजिटल इंडिया बनाने के लिए सबसे जरूरी है इंटरनेट सेवा इसके लिए दुनिया से सबसे सस्ता डेटा भारत में मिलता है। यहाँ 1 GB डेटा के लिए मात्र 18 रू देने पड़ते है जो 1 डॉलर के चौथा हिस्सा से भी कम है।